पाश !
मैंने देखा, लोग मरने के बाद
याद किया करते हैं,
जब साथ में
होते हैं, इतराते हैं, ठुकराते हैं..
पाश मुस्कुराते हुए बोले,
यही तो समझना था कि जो
मानसिक रूप से मर चुके हैं, उसे कौन मारेगा
जो हार चुका, दोबारा नहीं हारेगा..!
इसलिए तुमसे
हर बार कहता हूं,
मैं उनके सब किए धरे पर घास सा उग आऊंगा..
©डॉ. अनुभूति
#walkingalone