फरेबी इस दुनिया में सच से ज्यादा कहीं झूठ बिकता है
"फरेबी इस दुनिया में सच से ज्यादा कहीं झूठ बिकता है।
खाकर ठोकरें जिंदगी में इंसान जीने का हुनर सीखता है।
किसी को पाने की चाहत में इंसान प्रार्थना इबादत करता है।
मगर हम है की जिन्हें अंधेरों में भी तेरा साया अपने साथ दिखता है।"
फरेबी इस दुनिया में सच से ज्यादा कहीं झूठ बिकता है।
खाकर ठोकरें जिंदगी में इंसान जीने का हुनर सीखता है।
किसी को पाने की चाहत में इंसान प्रार्थना इबादत करता है।
मगर हम है की जिन्हें अंधेरों में भी तेरा साया अपने साथ दिखता है।