मेरा स्वाभिमान ,
मेरी पहचान
आत्मसम्मान
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©saumya
मैं हूं... मैं ही रहूंगी
तुम्हारे लिए न बदलूंगी.
कोई गुलाब सा तुम्हे चाहिए तो उसे चुनों.
पर मै गुलाब न बनूंगी
जैसी हु वैसी ही रहूंगी।
हर कदम पे तुम्हारा साथ दूंगी
तुम्हारा नाम , पहचान बनूंगी।
पर मेरा भी कोई नाम है ,ये न भूलूंगी ।