अगर से मगर तक, काश में कही। मैं अभी भी गुम हूं , | हिंदी Poetry Video

"अगर से मगर तक, काश में कही। मैं अभी भी गुम हूं , अपनी ही तलाश में कही। दिन न हो तो कौवा मर जाता है मेहनत करके भी। पानी का सैलाब हो, भले ही पास में कही। मैंने छीन लिया जो उसके हिस्से की जीत को वो मर न जाएं, जीत की तलाश में कही। दिया जो दिल किसी को तो, पड़ जाऊंगा उलझनों में. मैं अकेला ही न रह जाऊं, इसी एहसास में कही।🤭 ©चौधरी अमित वर्मा "

अगर से मगर तक, काश में कही। मैं अभी भी गुम हूं , अपनी ही तलाश में कही। दिन न हो तो कौवा मर जाता है मेहनत करके भी। पानी का सैलाब हो, भले ही पास में कही। मैंने छीन लिया जो उसके हिस्से की जीत को वो मर न जाएं, जीत की तलाश में कही। दिया जो दिल किसी को तो, पड़ जाऊंगा उलझनों में. मैं अकेला ही न रह जाऊं, इसी एहसास में कही।🤭 ©चौधरी अमित वर्मा

#walkalone
☺️☺️✍️ @Rajeev Bhardwaj @Lucky Dhart @nikku maurya @Sanju Singh @Varsha Verma

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