(भाई बहन पुनीत रिश्ते को समर्पित ) ----भैया

"(भाई बहन पुनीत रिश्ते को समर्पित ) ----भैया मै बहन तुम्हारी हूँ---- मै बाबुल की प्यारी हूँ माँ की राज दुलारी हूँ । नाजो से पली बड़ी मै भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥ दादी की जादू की पूड़ियां नानी की फुलकारी हूँ जो गूंजी थी सबसे पहले वो प्यारी सी किलकारी हूँ ॥ सुन भौजी अब तुम बेटी हो औऱ मै ननद तुम्हारी हूँ ॥ नाजो में पली बड़ी हूँ भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥ ॥2॥ खेल खेल में बड़ी हो गयी चिंता क्यूँ ये खड़ी जो गयी मेरी भोली माँ की आंखो में असुवन की क्यूँ झड़ी हो गयी मै उड़ती तितली हूँ बाबुल मै तेरी फुलवारी हूँ ॥ नाजो से पली बड़ी हूँ ॥ भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥ ॥3॥ अब तो एक दस्तूर ही गयी मै कैसे मजबूर हो गयी ज्यूँ चौखट से पार हुई मै तुम से कितनी दूर हो गयी आन बान औऱ शान बनी अब। पीहर की दुनियादारी हूँ ॥नाजो से पली बड़ी हूँ ॥ ॥4॥ भैया तू भी रीत निभाना रोली चावल चंदन की जिस मौली से बंधी कलाई उस रक्षा के बंधन की ॥ तू है मेरा है कृष्ण कन्हैया मै द्रौपदी बहन तुम्हारी हूँ ॥ मै बाबुल की प्यारी गुड़िया माँ की राज दुलारी हूँ नाजो से पली बड़ी हूँ मै भैया बहन तुम्हारी हूँ॥॥ writer-राहुल तिवारी"

 (भाई बहन  पुनीत रिश्ते को  समर्पित )

    ----भैया मै बहन तुम्हारी हूँ----
 
मै बाबुल की प्यारी हूँ   माँ की राज दुलारी  हूँ ।
नाजो से पली बड़ी मै   भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥ 

दादी की जादू की पूड़ियां 
नानी की फुलकारी हूँ 
जो गूंजी थी सबसे पहले 
वो प्यारी  सी किलकारी हूँ ॥ 
सुन भौजी अब तुम बेटी हो  औऱ मै ननद तुम्हारी हूँ ॥ नाजो में पली बड़ी हूँ      भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥ 

                  ॥2॥
खेल खेल में बड़ी हो गयी 
चिंता क्यूँ ये खड़ी जो गयी 
मेरी भोली माँ की आंखो में 
असुवन की क्यूँ झड़ी हो गयी 
मै उड़ती  तितली हूँ बाबुल   मै तेरी फुलवारी हूँ ॥ 
नाजो से पली बड़ी हूँ ॥ भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥

               ॥3॥
अब तो एक  दस्तूर ही गयी 
मै   कैसे   मजबूर  हो   गयी 
ज्यूँ     चौखट   से पार   हुई मै
तुम    से   कितनी   दूर हो गयी 
आन बान औऱ शान बनी अब।  पीहर की दुनियादारी हूँ 
॥नाजो से पली बड़ी हूँ ॥


               ॥4॥
भैया   तू   भी  रीत   निभाना 
रोली  चावल    चंदन की
जिस   मौली से  बंधी कलाई 
उस   रक्षा  के   बंधन  की ॥ 
 तू    है   मेरा है  कृष्ण   कन्हैया 
मै    द्रौपदी  बहन   तुम्हारी   हूँ  ॥ 
मै बाबुल की प्यारी गुड़िया  माँ की राज दुलारी हूँ
नाजो से पली बड़ी हूँ       मै भैया बहन तुम्हारी  हूँ॥॥
writer-राहुल तिवारी

(भाई बहन पुनीत रिश्ते को समर्पित ) ----भैया मै बहन तुम्हारी हूँ---- मै बाबुल की प्यारी हूँ माँ की राज दुलारी हूँ । नाजो से पली बड़ी मै भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥ दादी की जादू की पूड़ियां नानी की फुलकारी हूँ जो गूंजी थी सबसे पहले वो प्यारी सी किलकारी हूँ ॥ सुन भौजी अब तुम बेटी हो औऱ मै ननद तुम्हारी हूँ ॥ नाजो में पली बड़ी हूँ भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥ ॥2॥ खेल खेल में बड़ी हो गयी चिंता क्यूँ ये खड़ी जो गयी मेरी भोली माँ की आंखो में असुवन की क्यूँ झड़ी हो गयी मै उड़ती तितली हूँ बाबुल मै तेरी फुलवारी हूँ ॥ नाजो से पली बड़ी हूँ ॥ भैया बहन तुम्हारी हूँ ॥ ॥3॥ अब तो एक दस्तूर ही गयी मै कैसे मजबूर हो गयी ज्यूँ चौखट से पार हुई मै तुम से कितनी दूर हो गयी आन बान औऱ शान बनी अब। पीहर की दुनियादारी हूँ ॥नाजो से पली बड़ी हूँ ॥ ॥4॥ भैया तू भी रीत निभाना रोली चावल चंदन की जिस मौली से बंधी कलाई उस रक्षा के बंधन की ॥ तू है मेरा है कृष्ण कन्हैया मै द्रौपदी बहन तुम्हारी हूँ ॥ मै बाबुल की प्यारी गुड़िया माँ की राज दुलारी हूँ नाजो से पली बड़ी हूँ मै भैया बहन तुम्हारी हूँ॥॥ writer-राहुल तिवारी

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