हर वो रंग देखा जो देखा था ख्वाबों में मैंने
वो बारिश का होना।
वो हवाओं तेज़ होना ।।
वो झरोखे से झांकती निगाहें।
वो खिड़की से लटकता दुप्पटा।।
देखा था ख्वाबों में मैंने।।।
वो तुम्हारा चाय लेके आना ।
हल्के से बिस्कुट मेरी तरफ़ सरकाना।।
वो हर बार नज़रें उठाना और मिलते ही ।
वो शर्म से झुकना ।।
देखा था ख्वाबों में मैने।।।
तुम्हे सालों से देखा था ख्वाबों में मैंने।।
©Kuldeep Singh
पहली मुलाकात
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