उजाले आज अंधेरो से डर गए होंगे। तलाश प्यार की करते | हिंदी कविता Video

"उजाले आज अंधेरो से डर गए होंगे। तलाश प्यार की करते थे मर गए होंगे। कल का सूरज यूँ डूबा कि फिर उगा ही नहीं, कौन जाने वो किस नगर गए होंगे। दंगो में नहीं मरा करते दंगा करने वाले, बे-कसूर लोग थे जो जल कर मर गए होंगे। किसी की शिनाक्त होती है झुलसे पैरों से, आग लगाने वाले तो अपने घर गए होंगे। राख उड़ती है उन खिलखिलाती गलियों से, ओंठ जिन पर हंसी थी शायद जल गए होंगे"

उजाले आज अंधेरो से डर गए होंगे। तलाश प्यार की करते थे मर गए होंगे। कल का सूरज यूँ डूबा कि फिर उगा ही नहीं, कौन जाने वो किस नगर गए होंगे। दंगो में नहीं मरा करते दंगा करने वाले, बे-कसूर लोग थे जो जल कर मर गए होंगे। किसी की शिनाक्त होती है झुलसे पैरों से, आग लगाने वाले तो अपने घर गए होंगे। राख उड़ती है उन खिलखिलाती गलियों से, ओंठ जिन पर हंसी थी शायद जल गए होंगे

#उजाले आज अंधेरो से डर गऐ होगे।

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