मेरी मज़बूरी समझ या मान खुद्दारी तेरी गुस्ताख़ीयाँ | हिंदी शायरी

"मेरी मज़बूरी समझ या मान खुद्दारी तेरी गुस्ताख़ीयाँ अब नहीं सम्भलने वाली वफा तो बहुत है मुझमें.. पर अना कुछ ज्यादा है.. ख़ुद से ना अब नाइंसाफी करूंगी मैं इक वादा है ख़ुद से मेरा अब अपने वज़ूद को ना रुसवा करूंगी मैं"

 मेरी मज़बूरी समझ या मान खुद्दारी
तेरी गुस्ताख़ीयाँ अब नहीं सम्भलने वाली
वफा तो बहुत है मुझमें.. पर
अना कुछ ज्यादा है..
ख़ुद से ना अब नाइंसाफी करूंगी मैं
इक वादा है ख़ुद से मेरा अब
अपने वज़ूद को ना रुसवा करूंगी मैं

मेरी मज़बूरी समझ या मान खुद्दारी तेरी गुस्ताख़ीयाँ अब नहीं सम्भलने वाली वफा तो बहुत है मुझमें.. पर अना कुछ ज्यादा है.. ख़ुद से ना अब नाइंसाफी करूंगी मैं इक वादा है ख़ुद से मेरा अब अपने वज़ूद को ना रुसवा करूंगी मैं

#Ana #Nojoto #nojotoapp #wordgasm #wordporn #indianwriters #poetsofindia

People who shared love close

More like this

Trending Topic