उम्र के साथ बढ़ती नहीं है शरारतें इश्क़ की, बस कु | हिंदी Video

"उम्र के साथ बढ़ती नहीं है शरारतें इश्क़ की, बस कुछ अनकही चाहतें करवट ले रही हैं। जब जब बहार आयी और फूल मुस्कराये, मुझे तुम याद आये मुझे तुम याद आए। कैसी अज़ीब शर्त है दीदार के लिए, आँखें जो बंद हों तो वो जलवा दिखाई दे। ©Lokendra Singh "

उम्र के साथ बढ़ती नहीं है शरारतें इश्क़ की, बस कुछ अनकही चाहतें करवट ले रही हैं। जब जब बहार आयी और फूल मुस्कराये, मुझे तुम याद आये मुझे तुम याद आए। कैसी अज़ीब शर्त है दीदार के लिए, आँखें जो बंद हों तो वो जलवा दिखाई दे। ©Lokendra Singh

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