खुद का जिक्र जब भी किया हैं मैनें,
उसको ही मौजूद पाया है खुद में,
उसे खबर नहीं, की उसे ही याद किया हैं मैनें।
उसे पसंद था मेरा, सूट में रहना,
जीन्स में रहने वाली-सी मैं,
सूट की होकर रह गई।
उसे पसंद थी,
वो मेरे माथे की...काली बिन्दी,
मैं उस बिन्दी के... संग ही सवर गई।
part 1