खुद के हौसले पर यकीन है मुझे,
जिंदगी की इस भीड़ में अपने आप को साबित जो करना है,
किसी के रहमो करम पर नहीं टीका है मुकद्दर मेरा,
इन हाथों की लकीरों को भी बता रखा है,
ये मंजिल भी जिद्दी है मेरी,
लेकिन इतने भर से कहा रुकने वाला हूं मै अभी तो हौसलों की पूरी उड़ान बाकी है,
ये तो जमीं है अभी तो पूरा आसमान बाकी है..।।
© Bablu sahu