रात का सन्नाटा लिखूं,या शाम की तन्हाई लिखूं, सुबह | हिंदी Quotes Video

"रात का सन्नाटा लिखूं,या शाम की तन्हाई लिखूं, सुबह की अंगड़ाई लिखूं,या फिर मचलती दोपहरी लिखूं, विरह के पैमाने लिखूं,या यादों की सरगोशी लिखूं, जिक्र तुम्हारा आ ही जाता है,चाहे जितना तुम्हे छुपाना चाहूं.. ©Raj Alok Anand "

रात का सन्नाटा लिखूं,या शाम की तन्हाई लिखूं, सुबह की अंगड़ाई लिखूं,या फिर मचलती दोपहरी लिखूं, विरह के पैमाने लिखूं,या यादों की सरगोशी लिखूं, जिक्र तुम्हारा आ ही जाता है,चाहे जितना तुम्हे छुपाना चाहूं.. ©Raj Alok Anand

#तनहाई

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