यूं तो तुम्हे जुदा हुए कुछ बरस ही तो बीते है, तेर | हिंदी शायरी

"यूं तो तुम्हे जुदा हुए कुछ बरस ही तो बीते है, तेरे बिन हर लम्हा हम अनचाहा सा जीते है । किसी को अपना दर्द दिखाने की हिम्मत नही मुझमें,, झूठी मुस्कुराहट से अपना दर्द सीते है । कैसे कहूं की तेरी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता,, रिश्ता कोई भी हो,, तेरी जगह नही ले सकता,,। आज कल अपनी हर अधूरी बात का घूंट ,, बेमन पीते है । और आज जो कलम ज़िद पर आई है तेरे बारे लिखने को, "डैडी " ..,अनपढ़ सा महसूस किया तेरी JT ने खुदको,,। बस शब्दों को जोड़, अपने एहसास की चादर सीते है.., तेरे बिन हर लम्हा हैं, अनचाहा सा जीते है । ©a_secret_poettt"

 यूं तो तुम्हे जुदा हुए कुछ बरस ही तो बीते है,
 तेरे बिन हर लम्हा हम अनचाहा सा जीते है ।

किसी को अपना दर्द दिखाने की हिम्मत नही मुझमें,,
झूठी मुस्कुराहट से अपना दर्द सीते है ।

कैसे कहूं की तेरी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता,,
रिश्ता कोई भी हो,, तेरी जगह नही ले सकता,,।
आज कल अपनी हर अधूरी बात का घूंट ,,
बेमन पीते है ।

और आज जो कलम ज़िद पर आई है तेरे बारे लिखने को,
"डैडी " ..,अनपढ़ सा महसूस किया तेरी JT ने खुदको,,।
बस शब्दों को जोड़, अपने एहसास की चादर सीते है..,
तेरे बिन हर लम्हा हैं, अनचाहा सा जीते है ।

©a_secret_poettt

यूं तो तुम्हे जुदा हुए कुछ बरस ही तो बीते है, तेरे बिन हर लम्हा हम अनचाहा सा जीते है । किसी को अपना दर्द दिखाने की हिम्मत नही मुझमें,, झूठी मुस्कुराहट से अपना दर्द सीते है । कैसे कहूं की तेरी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता,, रिश्ता कोई भी हो,, तेरी जगह नही ले सकता,,। आज कल अपनी हर अधूरी बात का घूंट ,, बेमन पीते है । और आज जो कलम ज़िद पर आई है तेरे बारे लिखने को, "डैडी " ..,अनपढ़ सा महसूस किया तेरी JT ने खुदको,,। बस शब्दों को जोड़, अपने एहसास की चादर सीते है.., तेरे बिन हर लम्हा हैं, अनचाहा सा जीते है । ©a_secret_poettt

डैडी

#fog

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