एक तरह मकबरा है किसी का, ओर एक तरफ किसी का किला ह | हिंदी Shayari

"एक तरह मकबरा है किसी का, ओर एक तरफ किसी का किला है। हसरत ए दिल पर। जोर कब किस का चला है। मिट जो गए निशान, उन्हें याद तुम करोगे। लेकिन कदर न कर सके उसकी, जो सिर्फ तुमको मिला है। - अमित सक्सेना"

 एक तरह मकबरा है किसी का, 
ओर एक तरफ किसी का किला है।

हसरत ए दिल पर।
जोर कब किस का चला है।

मिट जो गए निशान, उन्हें याद तुम करोगे।
लेकिन कदर न कर सके उसकी, जो सिर्फ तुमको मिला है।

- अमित सक्सेना

एक तरह मकबरा है किसी का, ओर एक तरफ किसी का किला है। हसरत ए दिल पर। जोर कब किस का चला है। मिट जो गए निशान, उन्हें याद तुम करोगे। लेकिन कदर न कर सके उसकी, जो सिर्फ तुमको मिला है। - अमित सक्सेना

एक तरह मकबरा है किसी का,
ओर एक तरफ किसी का किला है।

हसरत ए दिल पर।
जोर कब किस का चला है।

मिट जो गए निशान, उन्हें याद तुम करोगे।
लेकिन कदर न कर सके उसकी, जो सिर्फ तुमको मिला है।

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