मुझे तलाश उस संगनी की
जो सुखमय मेरा जीवन कर दे
अपनी मधुर वाणी से मेरे
घर को शोभित कर दे
जिसका चित धर कर मैं
अपनी सुबह की शुरूवात करूं
जो कभी वो मुझसे रूठे, तो
उसे मनाकर बात करूं
त्रिसकार जो कभी न करे मेरा
मैं भी उसका सम्मान करूं
बाहों में भरकर,जी भर के उसे
प्यार करूं
जो बात कभी आए उस पर
सारी बलाए उसकी ले लूं
खुद पा लूं उसकी सजा, पर
उसकी मुस्कराहट बराकर रखूं
©पथिक..
#lovers#Dream