"मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में
तू खोजता मुझे था,तब दीन के सदन में
तू 'आह' बन किसी की,मुझको पुकारता था
मैं था तुझे बुलाता,संगीत में भजन में"¹
©HintsOfHeart.
#राम_नरेश_त्रिपाठी- #जन्म_जयंती (4 मार्च)
1. रामनरेश_त्रिपाठी (4 मार्च, 1889 -16 जनवरी, 1962) हिन्दी के 'पूर्व छायावाद युग' के प्रसिद्ध कवि । ग्राम गीतों का संकलन,जिसे 'कविता कौमुदी' के नाम से जाना जाता है, करने वाले हिंदी के प्रथम कवि।