रात का ख़ालीपन " आंखें खोल मध्य रात्रि में, एक ज | हिंदी शायरी Vi

"रात का ख़ालीपन " आंखें खोल मध्य रात्रि में, एक ज़िन्दा लाश पड़ी बिस्तर पर जैसे घर की चार दिवारी, उसको डसने को आने वाली है। ऐसा दृश्य नज़र आता है, एकाकी जीवन में "रात का ख़ालीपन"। ©Anuj Ray "

रात का ख़ालीपन " आंखें खोल मध्य रात्रि में, एक ज़िन्दा लाश पड़ी बिस्तर पर जैसे घर की चार दिवारी, उसको डसने को आने वाली है। ऐसा दृश्य नज़र आता है, एकाकी जीवन में "रात का ख़ालीपन"। ©Anuj Ray

रात का ख़ालीपन "

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