तू नहीं है मगर फिर भी तू साथ है
बात हो कोई भी तेरी ही बात है.....
तू ही मेरे अन्दर है तू ही मेरे बाहर है
जब से तुझको जाना है मैंने अपना माना है......
मगर आना इस तरह तुम के यहाँ से फिर ना जाना.....
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना
कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना.......
©Nawab Khan
#thepredator