White गांव गया था , ये सोचकर की बांते बचपन होंगी.. | हिंदी Shayari

"White गांव गया था , ये सोचकर की बांते बचपन होंगी... ...मुर्शद... दोस्त तो मुझें अपनी तरक्की सुनाने लगे..😊 ©Vishal_कुमार_5409"

 White गांव गया था , ये सोचकर की बांते बचपन होंगी...
...मुर्शद...
दोस्त तो मुझें अपनी तरक्की सुनाने लगे..😊

©Vishal_कुमार_5409

White गांव गया था , ये सोचकर की बांते बचपन होंगी... ...मुर्शद... दोस्त तो मुझें अपनी तरक्की सुनाने लगे..😊 ©Vishal_कुमार_5409

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