मेरा दिल आज भी तुम्हारा है
तुम्हारे सिवा किसी ने
नहीं मुझे पुकारा है
छोड़ मुझको जो तुम जाती हो
मेरे आँखों में आँसू भर जाती हो
तुमको मैंने अपना माना था
तुम्हारे सिवा कोई नहीं था मेरा
देख तुम्हें ही चेहरे मेरे मुस्कुराते थे
नज़रें तो तुमने हर बार मिलाई थी मुझसे
मेरी नज़रों को क्यों नहीं तुम पढ़ पाई
©Prabhat Kumar
#प्रभात