जो कलम अपनी संवेदना पर समाज की दस्तक को अनसुनी करत | हिंदी विचार Video

"जो कलम अपनी संवेदना पर समाज की दस्तक को अनसुनी करता है, समाज उसे युगों युगों तक क्षमा नहीं कर पाता l ©Kanchan Mishra "

जो कलम अपनी संवेदना पर समाज की दस्तक को अनसुनी करता है, समाज उसे युगों युगों तक क्षमा नहीं कर पाता l ©Kanchan Mishra

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