एसिड की सिरफिरे आशिक से बातचीत 4- एसिड एक दिन ए | हिंदी Video

"एसिड की सिरफिरे आशिक से बातचीत 4- एसिड एक दिन एक सिरफिरा एसिड खरीदने पहुंचा। दुकान मालिक ने उससे कुछ भी नहीं पूछा।। ना सवाल किया ना ही कोई जान पहिचान थी। जबकि वो एसिड की बोतल किसी की मौत का सामान थी।। दुकानदार तो कुछ ना बोला किंतु बोतल में से एक आवाज आई। और उस सिरफिरे आशिक से सवालों की झडी लगाई।। भाई तुम कौन हो अपने बारे में कुछ बताओ।। कहां से आये हो कुछ जानकारी कराओ।। क्या करोगे मेरा क्यों मुझे ले जा रहे हो। क्या है तुम्हारे मन मे क्या प्लान बना रहे हो। सच सच बताओ कौन हो क्या नाम है तुम्हारा। बदनाम हूँ में जानता है जमाना ये सारा। क्यों मुझ पर और तोहमत लगाना चाहते हो। किस मासूम का इल्जाम मेरे सर लगाना चाहते हो।। क्या किसी से तुम एक तरफा प्यार करते हो। खुद को उसका आशिक समझते हो। या केवल जिस्म पाने की ख्वाइश रखते हो।। कुछ तो बोलो बताओ कौन हो। क्यों इतनी देर से तुम मौन हो।। प्रेमी तो नही लगते..कोई पागल हो क्या। चोटिल दिमाग वाले कोई घायल हो क्या।। या और भी कुछ इससे भी ज्यादा हो भाई। लगता है तुम जल्लाद हो या फिर कसाई।। बोलो क्या करोगे मेरा किस पर फेंकोगे। किस बदनसीब की झुलसन में हाथ सेकोगे।। कौन है वो अंजान बेखबर जिसको आज तुम जलाओगे। मासूमीयत के पीछे छिपी हैवानियत दिखाओगे।। कौन है वो बदनसीब मैं भी तो जानू भाई। किसको एकतरफा प्यार की करनी है भरपाई। बोलो कुछ तो बोलो क्यो गुमसुम बुत बने खड़े हो। अच्छा ये बताओ कब से उस मासूम के पीछे पड़े हो।। चार दिन, चार हफ्ते या चार घंटे पहले की है मुलाकात। उसकी गलती बस इतनी कि तुम्हारी नही मानी बात। क्या हासिल होगा भाई तुमको ये करने से। तुम्हें शुकून मिल जाएगा उसके मरने से।। क्या ऐसा करने से वो तुम्हारी हो जाएगी। जानते हो ना कि नही हो पाएगी। लेकिन ये करने से होने उम्मीद भी मिट जाएगी।।-2 तुम तो एक पल में उछाल दोगे मुझे उसकी ओर। पता है वो कितनी तड़पेगी और करेगी शोर। क्या उस तड़पन का जरा भी अहसास है तुमको। चंद सेंकड में तुम तो फेंककर भाग जाओगे मुझको।। क्या तुम्हारी सभी संवेदनाये मर गई है। मुझे तो मासूमों की चींखो की आदत सी पड़ गई है।। क्या बीतेगी उस पर क्या अंदाजा है तुमको। मर गई तो कोई बात नहीं....ये पता है मुझको। अगर बच गई तो ये समाज रोज मारेगा उसको।। क्या तुम उन चीखों की वेदना को कभी महसूस कर पाओगे। अगर प्यार करते हो उससे तो क्या खुद भी उसके साथ मर पाओगे। तुमको इस कुकर्म की सजा मिले या ना मिले अनिश्चित है। पर उसको जिल्लत की उम्रकैद होना सुनिश्चित है।। मान जाओ क्या जिंदगी भर खुद से नजर मिला पाओगे।। मत करो ऐसा खुद ही अपनी नजरों में गिर जाओगे। लेकिन उस सिरफिरे ने एसिड की एक बात नहीं मानी। और दवे पाँव निकला वँहा से करने को मनमानी।। जला दिया उस बेबस लाचार मासूम को। बिना जाने उसकी जिंदगी के मजमून को। उसकी चीखों ने हवाओ को जहरीला बना दिया। ठेकेदारों ने उसकी विवशता को दबा दिया।। बाजार मे ये मौत का सामान जब तलक यू ही बिकता रहेगा। हर किसी को चंद पैसो में यू ही मिलता रहेगा। ऐसी वीभत्स घटनाएं होती रहेंगी। बेटियों अपनी मोहकता खोती रहेंगी।। कानून, समाज या छपाक जैसी फ़िल्म क्या कर पाएंगे। धर्मयुद्ध के शोर में ये सभी सिकुड़ जाएँगे। किसी की गलती की सजा का दंड किसी और को कब तक मिलेगा। एसिड अटेकर से ज्यादा बेचने वाले के लिए कानून सख्त कब बनेगा। एसिड कहता है... मैं कब तक इस तरह लाखो मासूमों के अपराध का बोझ सहता रहूंगा। कब तक उनके सपनों उम्मीदों और चाहतो को यूँ सरेआम ढ़सता रहूंगा। बन्द करो ये तमाम हैवानियत मैं इस बेवसी को अब नही सह पाऊंगा। ढेर इल्ज़ाम हो मेरे सिर पर इससे पहले ही इस दुनिया कहीं दूर चला जाऊंगा।।।।"

एसिड की सिरफिरे आशिक से बातचीत 4- एसिड एक दिन एक सिरफिरा एसिड खरीदने पहुंचा। दुकान मालिक ने उससे कुछ भी नहीं पूछा।। ना सवाल किया ना ही कोई जान पहिचान थी। जबकि वो एसिड की बोतल किसी की मौत का सामान थी।। दुकानदार तो कुछ ना बोला किंतु बोतल में से एक आवाज आई। और उस सिरफिरे आशिक से सवालों की झडी लगाई।। भाई तुम कौन हो अपने बारे में कुछ बताओ।। कहां से आये हो कुछ जानकारी कराओ।। क्या करोगे मेरा क्यों मुझे ले जा रहे हो। क्या है तुम्हारे मन मे क्या प्लान बना रहे हो। सच सच बताओ कौन हो क्या नाम है तुम्हारा। बदनाम हूँ में जानता है जमाना ये सारा। क्यों मुझ पर और तोहमत लगाना चाहते हो। किस मासूम का इल्जाम मेरे सर लगाना चाहते हो।। क्या किसी से तुम एक तरफा प्यार करते हो। खुद को उसका आशिक समझते हो। या केवल जिस्म पाने की ख्वाइश रखते हो।। कुछ तो बोलो बताओ कौन हो। क्यों इतनी देर से तुम मौन हो।। प्रेमी तो नही लगते..कोई पागल हो क्या। चोटिल दिमाग वाले कोई घायल हो क्या।। या और भी कुछ इससे भी ज्यादा हो भाई। लगता है तुम जल्लाद हो या फिर कसाई।। बोलो क्या करोगे मेरा किस पर फेंकोगे। किस बदनसीब की झुलसन में हाथ सेकोगे।। कौन है वो अंजान बेखबर जिसको आज तुम जलाओगे। मासूमीयत के पीछे छिपी हैवानियत दिखाओगे।। कौन है वो बदनसीब मैं भी तो जानू भाई। किसको एकतरफा प्यार की करनी है भरपाई। बोलो कुछ तो बोलो क्यो गुमसुम बुत बने खड़े हो। अच्छा ये बताओ कब से उस मासूम के पीछे पड़े हो।। चार दिन, चार हफ्ते या चार घंटे पहले की है मुलाकात। उसकी गलती बस इतनी कि तुम्हारी नही मानी बात। क्या हासिल होगा भाई तुमको ये करने से। तुम्हें शुकून मिल जाएगा उसके मरने से।। क्या ऐसा करने से वो तुम्हारी हो जाएगी। जानते हो ना कि नही हो पाएगी। लेकिन ये करने से होने उम्मीद भी मिट जाएगी।।-2 तुम तो एक पल में उछाल दोगे मुझे उसकी ओर। पता है वो कितनी तड़पेगी और करेगी शोर। क्या उस तड़पन का जरा भी अहसास है तुमको। चंद सेंकड में तुम तो फेंककर भाग जाओगे मुझको।। क्या तुम्हारी सभी संवेदनाये मर गई है। मुझे तो मासूमों की चींखो की आदत सी पड़ गई है।। क्या बीतेगी उस पर क्या अंदाजा है तुमको। मर गई तो कोई बात नहीं....ये पता है मुझको। अगर बच गई तो ये समाज रोज मारेगा उसको।। क्या तुम उन चीखों की वेदना को कभी महसूस कर पाओगे। अगर प्यार करते हो उससे तो क्या खुद भी उसके साथ मर पाओगे। तुमको इस कुकर्म की सजा मिले या ना मिले अनिश्चित है। पर उसको जिल्लत की उम्रकैद होना सुनिश्चित है।। मान जाओ क्या जिंदगी भर खुद से नजर मिला पाओगे।। मत करो ऐसा खुद ही अपनी नजरों में गिर जाओगे। लेकिन उस सिरफिरे ने एसिड की एक बात नहीं मानी। और दवे पाँव निकला वँहा से करने को मनमानी।। जला दिया उस बेबस लाचार मासूम को। बिना जाने उसकी जिंदगी के मजमून को। उसकी चीखों ने हवाओ को जहरीला बना दिया। ठेकेदारों ने उसकी विवशता को दबा दिया।। बाजार मे ये मौत का सामान जब तलक यू ही बिकता रहेगा। हर किसी को चंद पैसो में यू ही मिलता रहेगा। ऐसी वीभत्स घटनाएं होती रहेंगी। बेटियों अपनी मोहकता खोती रहेंगी।। कानून, समाज या छपाक जैसी फ़िल्म क्या कर पाएंगे। धर्मयुद्ध के शोर में ये सभी सिकुड़ जाएँगे। किसी की गलती की सजा का दंड किसी और को कब तक मिलेगा। एसिड अटेकर से ज्यादा बेचने वाले के लिए कानून सख्त कब बनेगा। एसिड कहता है... मैं कब तक इस तरह लाखो मासूमों के अपराध का बोझ सहता रहूंगा। कब तक उनके सपनों उम्मीदों और चाहतो को यूँ सरेआम ढ़सता रहूंगा। बन्द करो ये तमाम हैवानियत मैं इस बेवसी को अब नही सह पाऊंगा। ढेर इल्ज़ाम हो मेरे सिर पर इससे पहले ही इस दुनिया कहीं दूर चला जाऊंगा।।।।

#एसिड और आशिक @Jassi Saab @News World @MONIKA SINGH SingerRahulOfficial (CharmingCreationRahul) @Vishnu

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