White सब्जी की मंहगाई को देखकर
सब्जी मंडी में दिखे,जनता अपरंपार
मोलभाव तब करें,जब होता खर्च हज़ार।
जब होता खर्च हज़ार भाव आसमान छूते
कैसे रहे अब स्वस्थ,रहे जो सब्जी बूते ।
रेखा देती सीख, कभी न मारना डंडी।
चाहे मिले धोखा,बह जाना सब्जी मंडी।
डॉ रेखा जैन
©rekha jain
#international_Justice_day सब्जी