तुझसे दूर होने का ख्याल मेरी रूह को कंपकंपा देता | हिंदी Love

"तुझसे दूर होने का ख्याल मेरी रूह को कंपकंपा देता है मां फिर में तुझसे दूर कैसे जाऊ मैं मेरी प्यारी मां, तूने जन्म दिया , तूने गोद में सुलाया मेरी प्यारी मां तूने जिस हाथों से मुझे खाना खिलाया, उन्हीं हाथों से तू मेरा दान करेगी मेरी प्यारी मां बचपन में जब मुझे चोट लग जाया करती थी तब तूं बिलक - बिलक कर रोया करती थी मेरी प्यारी मां फिर आज मुझे खुद से दूर क्यों कर रही है ओह मां तुझसे दूर होने का ख्याल मेरी रूह को कंपकंपा देता है मां ©Khushi Kanchan (apoetic journey)"

 तुझसे दूर होने का ख्याल मेरी
 रूह को कंपकंपा देता है मां
फिर में तुझसे दूर कैसे जाऊ
मैं मेरी प्यारी मां,
तूने जन्म दिया , तूने गोद
में सुलाया मेरी प्यारी मां
तूने जिस हाथों से मुझे
खाना खिलाया, 
उन्हीं हाथों से तू मेरा दान 
करेगी मेरी प्यारी मां
बचपन में जब मुझे चोट 
लग जाया करती थी तब
तूं बिलक - बिलक कर रोया
करती थी मेरी प्यारी मां
फिर आज मुझे खुद से दूर
क्यों कर रही है ओह मां 
तुझसे दूर होने का ख्याल मेरी
रूह को कंपकंपा देता है मां

©Khushi Kanchan (apoetic journey)

तुझसे दूर होने का ख्याल मेरी रूह को कंपकंपा देता है मां फिर में तुझसे दूर कैसे जाऊ मैं मेरी प्यारी मां, तूने जन्म दिया , तूने गोद में सुलाया मेरी प्यारी मां तूने जिस हाथों से मुझे खाना खिलाया, उन्हीं हाथों से तू मेरा दान करेगी मेरी प्यारी मां बचपन में जब मुझे चोट लग जाया करती थी तब तूं बिलक - बिलक कर रोया करती थी मेरी प्यारी मां फिर आज मुझे खुद से दूर क्यों कर रही है ओह मां तुझसे दूर होने का ख्याल मेरी रूह को कंपकंपा देता है मां ©Khushi Kanchan (apoetic journey)

#Rose

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