गीत....✍️
122 122 122 12
तेरी श्याम एसी दिवानी हुई
मैं तो खुदसे बेगानी ऐसी हुई
भुला बैठी जग को उदासी हुई
रतन से तेरी मैं तो जोगी हुई
मिला कुछ नहीं ऐसा दुख सुख हरे
मिला कुछ नहीं ऐसा दुख सुख हरे
मेरी आरज़ू तुझसे सारी कहे
तेरी श्याम मैं तो बैरागी हुई
लेखक - ज़ुबैर खान.....✍️
©SZUBAIR KHAN KHAN
Meera Bai