ये आंखें भी कितना अजीब खेल खेलती हैं.. खुशियों | हिंदी Poetry

"ये आंखें भी कितना अजीब खेल खेलती हैं.. खुशियों की शहनाई, हुस्न का जाम.. कहलाने वाली ये आंखें ना जाने अपने अंदर कितने गमों और आंसुओं को छिपाए रखती हैं.. और यूं ही टूटे हुए दिल से यादों के रिश्ते को हर बार संजोए रखती है कि मानो बिना कुछ कहे हर बार बहुत कुछ कह जाती हैं ©Ashwika Jaswal"

 ये आंखें भी कितना 
अजीब खेल खेलती हैं..

 खुशियों की शहनाई,
हुस्न  का जाम..
कहलाने वाली ये आंखें
 
ना जाने अपने अंदर कितने
 गमों और आंसुओं को
 छिपाए रखती हैं..
और यूं ही टूटे हुए दिल से
 यादों के रिश्ते को
 हर बार 
संजोए रखती है
कि मानो बिना कुछ कहे
हर बार
 बहुत कुछ कह जाती हैं

©Ashwika Jaswal

ये आंखें भी कितना अजीब खेल खेलती हैं.. खुशियों की शहनाई, हुस्न का जाम.. कहलाने वाली ये आंखें ना जाने अपने अंदर कितने गमों और आंसुओं को छिपाए रखती हैं.. और यूं ही टूटे हुए दिल से यादों के रिश्ते को हर बार संजोए रखती है कि मानो बिना कुछ कहे हर बार बहुत कुछ कह जाती हैं ©Ashwika Jaswal

❤ये आंखें❤
#mystery
#Eyes
#Pain

#Dark

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