गुलाब जैसी हो गुलाब लगती हो हंसती हो तब कसम से लाज | हिंदी शायरी

"गुलाब जैसी हो गुलाब लगती हो हंसती हो तब कसम से लाजवाब लगती हो"

 गुलाब जैसी हो गुलाब लगती हो हंसती हो तब कसम से लाजवाब लगती हो

गुलाब जैसी हो गुलाब लगती हो हंसती हो तब कसम से लाजवाब लगती हो

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