गणेश व़ंदना
गजवदन गनविनायक जी तुमको नमन्
गौरी सुत, भोले शंकर जी तुमको नमन्
मुसक वाहन है जिनका है उनको नमन् कार्तिकेय जी को है मेरा सादर नमन् गजवदन गनविनायक जी तुमको नमन्
वन्दना है प्रथम जिनकी उनको नमन्
रिघ्दि, सिध्दि के दाता जी तुमको नमन्
गजवदन गनविनायक जी तुमको नमन ।।
©Rupesh Kumar Singh
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