क्रोध का मैं रूप हूं!!
विध्वंश का प्रतीक हूं!!
दुख़ में ,मै हाहाकार हूं!!
अहंकार की पुकार हूं!!
ना असुक्षित ,ना परेशान,
मै हूं एक हैवान!!
मैं हूं अनियंत्रित !!
मैं हूं तांडव!!
प्रलय का मैं संकेत हूं!!
मै अब नहीं भयभीत हूं!!
मेरा कांपता शरीर है!!
और सिंह सी दहाड़ है!!
रक्त सा हूं लाल मैं!!
मै हूं विनाशक!!
भूकंप सा मै तीव्र हूं
और ज्वाला का विस्फोट हूं!!
काल का मै काल हूं!!
मैं ही तो महाकाल हूं!!
मै हूं विनाश!!
मै हूं रौद्र!!
©Natrajan
#Anhoni