White पल्लव की डायरी
कश मश कर जिंदगी
दुविधा में तड़पाती है
धूप में पसीना बहता
चाँद चैन की नींद सुलाती है
खुशियाँ कोसो दूर गफलत में है
जिंदगी अब पल पल रुलाती है
ताम झाम इतने हो गये जीवन के
उनकी दौड़ में उम्र गवाते है
जीना अब जीना नही
फूलो को भी कल मुरझाने की
कीमत चुकानी पड़ती है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Moon जीना अब जीना नही
#nojotohindi