दोहा:- चरण रखें जब राधिके , रखे श्याम दो हाथ । बन | हिंदी कविता

"दोहा:- चरण रखें जब राधिके , रखे श्याम दो हाथ । बन परछाई नित्य ही , रहते उनके साथ ।। बैठे-बैठे जप रहे, राधा-राधा नाम । शूल चुभा पग राधिका , चीख उठे घनश्याम ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 दोहा:-
चरण रखें जब राधिके , रखे श्याम दो हाथ ।
बन परछाई नित्य ही , रहते उनके साथ ।।

बैठे-बैठे जप रहे, राधा-राधा नाम ।
शूल चुभा पग राधिका , चीख उठे घनश्याम ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा:- चरण रखें जब राधिके , रखे श्याम दो हाथ । बन परछाई नित्य ही , रहते उनके साथ ।। बैठे-बैठे जप रहे, राधा-राधा नाम । शूल चुभा पग राधिका , चीख उठे घनश्याम ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा:-
चरण रखें जब राधिके , रखे श्याम दो हाथ ।
बन परछाई नित्य ही , रहते उनके साथ ।।

बैठे-बैठे जप रहे, राधा-राधा नाम ।
शूल चुभा पग राधिका , चीख उठे घनश्याम ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

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