White शहीदों की है ये दर्द भरी कहानी
शहीदों की है ये दर्द भरी कहानी
हर आखँ से आसूँ बहते थे
हर जुर्म को वो कैसे सहते थे
कोई आराम नही था
जीना आसान नही था
घर से निकलना दूर था
हर इन्सां मजबूर था
आई थी वो कैसी सुनामी
सहे ना कोई ऐसी गुलामी
हम जिन्दा थे पर बदतर थी जिन्दगानी
शहीदों की है ये दर्द भरी कहानी
शहीदों की है ये दर्द भरी कहानी
बडी बेबसी थी,लाचारी थी
पिन्जरे के पंछी से भी बदतर दशा हमारी थी
माँओं से बेटा छिन गया था
माँगों का सिंन्दूर उजड गया था
तोडकर अपनो से रिश्ता नाता
ऐसे भी कोई छोडकर है जाता
लहू से खेली थी होलियाँ
मौत को गले से लगा लिया
©Monu domniya Vlog
शहीदों की है ये दर्द भरी कहानी