White हमको भी ठग रही है, तुमको भी ठग रही है, मासूम | हिंदी कविता Video

"White हमको भी ठग रही है, तुमको भी ठग रही है, मासूम बन के दुनिया सबको ही ठग रही है। बाज़ार सज रहा है, चाहत की लगती बोली, ऊँची उड़ान देकर अय्याशी ठग रही है। कितना भी बच के चलो, फँसते सभी भँवर में, लालच में फाँसाकर ये सुल्तानी ठग रही है। सब कुछ लुटा के बैठा, खुद को भुला के बैठा, उस शख़्स को उसी की कहानी ठग रही है। नीयत सही नहीं है, लगता है ओ चालाक आदमी है, रोता है सब से ज्यादा उसको चालाकी ठग रही है। ©Prem_pyare "

White हमको भी ठग रही है, तुमको भी ठग रही है, मासूम बन के दुनिया सबको ही ठग रही है। बाज़ार सज रहा है, चाहत की लगती बोली, ऊँची उड़ान देकर अय्याशी ठग रही है। कितना भी बच के चलो, फँसते सभी भँवर में, लालच में फाँसाकर ये सुल्तानी ठग रही है। सब कुछ लुटा के बैठा, खुद को भुला के बैठा, उस शख़्स को उसी की कहानी ठग रही है। नीयत सही नहीं है, लगता है ओ चालाक आदमी है, रोता है सब से ज्यादा उसको चालाकी ठग रही है। ©Prem_pyare

हमको भी ठग रही है तुमको भी #bike_wale #ठगी

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