मुझे लिखना था तेरे ऊपर ज़िन्दगी तु तो रह गईं मेरे भ | हिंदी शायरी

"मुझे लिखना था तेरे ऊपर ज़िन्दगी तु तो रह गईं मेरे भीतर ज़िन्दगी! बस यूँही बैठे उदास सोचता रहता हुँ दिन रात सूरज तो हर सुबह निकलता है पर तु कब होगी रोशन जिंदगी! ©Aarv;"

 मुझे लिखना था तेरे ऊपर ज़िन्दगी
तु तो रह गईं मेरे भीतर ज़िन्दगी!

बस यूँही बैठे उदास सोचता रहता हुँ दिन रात
सूरज तो हर सुबह निकलता है पर तु कब होगी रोशन जिंदगी!

©Aarv;

मुझे लिखना था तेरे ऊपर ज़िन्दगी तु तो रह गईं मेरे भीतर ज़िन्दगी! बस यूँही बैठे उदास सोचता रहता हुँ दिन रात सूरज तो हर सुबह निकलता है पर तु कब होगी रोशन जिंदगी! ©Aarv;

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