122 122 122 12
तेरा साया जब से हुआ है हमें
मुझे जिंदगी के नज़ारे मिले
रहा तू वफ़ा कर चला तू कहाँ
चले आओ तसवीर तक़दीर से
दुआ दे दो बाबा वही दूर से
दुआ दे दो बाबा वही दूर से
कभी भूलके आते जाते नहीं
ख़ता हो गई क्या बुलाते नहीं
लगा है सुना पन यही जिंदगी
चुपाके ये चेहरा कहाँ तुम गये
लेखक - ज़ुबैर खान......✍️
©SZUBAIR KHAN KHAN
Grand father