"White ....«मां»....
मां एक अक्षर नहीं. ये तो सकुन है
जिंदगी जीने का सिखाये जो
ये वही जनून है क्या हो तुम ?
क्या हो सकते हो क्या पा सकते हो.
क्या खो सकते हो...
रास्ता है हर मंज़िल का ,जैसे आसमान में ये मून है
मां एक अक्षर नहीं,ये तो सकुन है..
बड़ा बुज़दिल है ये जमाना, फिर भी ना जाने किसका गरूर है
गरीब हो या आमिर हो, माँ के लिए बच्चा हमेशा मासूम है
मां एक अक्षर नहीं, ये तो सकुन है।
आज एक दिन माँ का दिन बोलने से क्या होगा।
माँ का तो हर पल है यहाँ ये समझाना होगा
बिन लालच तुम पाले जो जिंदगी रहते तुम्हे संभाले
जो बुरा तब भी तुम्हारा सोच ना सके
चाहे जिन्दा या मरहूम है।
मां एक अक्षर नहीं ये तो सकुन है..
Happy Mother's day ❤️.
©Ak.writer_2.0
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