केसी रचना की हैं मेरे ईश्वर तूने इस बेरहम इंसान की

"केसी रचना की हैं मेरे ईश्वर तूने इस बेरहम इंसान की कलयुग तो एक बहाना हैं ये तो नजर हैं वो तो खुद इंसा ने बनाया है दरिंदगी देख इनकी शर्मसार हो जाती हु कभी मा बहिन तो कभी बेजुबाँ की दर्दनाक तस्वीर अपने मन से निकलती हु में भी जिंदगी के 22 साल पूरे करने को आई पर आज तक इस इंसान की औकात न समझ पाई कहते हैं देख रहा हैं ऊपर वाला पर सच मे तो अब नही मेरे मन मे एहसास उसका कोई क्योकी जो अगर सुनता हैं वो दर्द इन सब का तो कुछ करता क्यो नही ओर अगर करता हैं तो बदले में जान भी तो लेता हैं अरे जानवर इंसान को खाए तो नासमझी ओर जंवारपंती हैं उसकी यहा तो इंसान ।।।इंसान को मार कर हैवानियत का परिचय दे रहा हैं जानवर बदलने लगे प्यार अपने मालिक से करने लगे ओर इंसान को देखो पेर जमी पर नही सिर असमा में नही मोत का ठिकाना नही ओर हरकते दिल दहलाने वाली।।।।ओर कुछ नही मेरे मन मे आज आंखों से जो अदृश्य दुख बह रहा है। बस उसे संभाल रखने की कोशिश में हैं अब सहारे की उम्मीद भी तो नही आज जायजा जो मिल गया हैं"

 केसी रचना की हैं मेरे ईश्वर तूने इस बेरहम इंसान की
कलयुग तो एक बहाना हैं 
ये तो नजर हैं वो तो खुद इंसा ने बनाया है
दरिंदगी देख इनकी शर्मसार हो जाती हु
कभी मा  बहिन 
तो कभी बेजुबाँ की दर्दनाक  तस्वीर  अपने मन से निकलती हु
में भी जिंदगी के 22 साल पूरे करने को आई
पर आज तक इस इंसान की औकात न समझ पाई
कहते हैं देख रहा हैं   ऊपर वाला
पर सच मे तो अब नही मेरे मन मे एहसास उसका कोई
क्योकी जो अगर सुनता हैं वो दर्द इन सब का 
तो कुछ करता क्यो नही 
ओर अगर करता हैं तो बदले में जान भी तो लेता हैं
अरे जानवर  इंसान को खाए तो नासमझी ओर जंवारपंती हैं उसकी
यहा तो इंसान ।।।इंसान को मार कर हैवानियत का परिचय दे रहा  हैं
जानवर बदलने लगे प्यार अपने  मालिक से करने लगे
ओर इंसान को देखो
पेर जमी पर नही सिर असमा में नही 
मोत का ठिकाना नही ओर हरकते दिल दहलाने वाली।।।।ओर कुछ नही मेरे मन मे आज 
आंखों से जो अदृश्य दुख बह रहा है। बस उसे संभाल रखने की कोशिश  में हैं
अब सहारे की उम्मीद भी तो नही
आज जायजा जो मिल गया हैं

केसी रचना की हैं मेरे ईश्वर तूने इस बेरहम इंसान की कलयुग तो एक बहाना हैं ये तो नजर हैं वो तो खुद इंसा ने बनाया है दरिंदगी देख इनकी शर्मसार हो जाती हु कभी मा बहिन तो कभी बेजुबाँ की दर्दनाक तस्वीर अपने मन से निकलती हु में भी जिंदगी के 22 साल पूरे करने को आई पर आज तक इस इंसान की औकात न समझ पाई कहते हैं देख रहा हैं ऊपर वाला पर सच मे तो अब नही मेरे मन मे एहसास उसका कोई क्योकी जो अगर सुनता हैं वो दर्द इन सब का तो कुछ करता क्यो नही ओर अगर करता हैं तो बदले में जान भी तो लेता हैं अरे जानवर इंसान को खाए तो नासमझी ओर जंवारपंती हैं उसकी यहा तो इंसान ।।।इंसान को मार कर हैवानियत का परिचय दे रहा हैं जानवर बदलने लगे प्यार अपने मालिक से करने लगे ओर इंसान को देखो पेर जमी पर नही सिर असमा में नही मोत का ठिकाना नही ओर हरकते दिल दहलाने वाली।।।।ओर कुछ नही मेरे मन मे आज आंखों से जो अदृश्य दुख बह रहा है। बस उसे संभाल रखने की कोशिश में हैं अब सहारे की उम्मीद भी तो नही आज जायजा जो मिल गया हैं

#elephant

People who shared love close

More like this

Trending Topic