कितनी मुश्किल से बिछड़ने की बात की होगी उसने जरूर | हिंदी Shayari
"कितनी मुश्किल से बिछड़ने
की बात की होगी उसने
जरूर कहीं बैठकर
चुपके से पी होगी उसने
और चुपके से फेंक गया
कोई अंगूठी मेरी गली में
जरूर मेरे लिए ही दी होगी उसने"
कितनी मुश्किल से बिछड़ने
की बात की होगी उसने
जरूर कहीं बैठकर
चुपके से पी होगी उसने
और चुपके से फेंक गया
कोई अंगूठी मेरी गली में
जरूर मेरे लिए ही दी होगी उसने