ज़िन्दगी की तालाश खत्म नही होती , किसी अपने से मुला | हिंदी शायरी

"ज़िन्दगी की तालाश खत्म नही होती , किसी अपने से मुलाकात यूही नही होती , तरस जाती है निगाहे सच्चे प्यार के खातिर , क्योंकि ज़िन्दगी अपनो के पास होकर दिलो से पास नहीं होती ! ©Atit Arya"

 ज़िन्दगी की तालाश खत्म नही होती ,
किसी अपने से मुलाकात यूही नही होती ,
तरस जाती है निगाहे सच्चे प्यार के खातिर ,
क्योंकि ज़िन्दगी अपनो के पास होकर दिलो से पास नहीं होती !

©Atit Arya

ज़िन्दगी की तालाश खत्म नही होती , किसी अपने से मुलाकात यूही नही होती , तरस जाती है निगाहे सच्चे प्यार के खातिर , क्योंकि ज़िन्दगी अपनो के पास होकर दिलो से पास नहीं होती ! ©Atit Arya

ज़िन्दगी की तालाश खत्म नही होती ,
किसी अपने से मुलाकात यूही नही होती ,
तरस जाती है निगाहे सच्चे प्यार के खातिर ,
क्योंकि ज़िन्दगी अपनो के पास होकर दिलो से पास नहीं होती !

#Journey

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