एक ये डर कि कोई ज़ख़्म न देखे मेरे एक ये ख़्वाहिश | हिंदी शायरी

"एक ये डर कि कोई ज़ख़्म न देखे मेरे एक ये ख़्वाहिश कि कोई देखने वाला होता ©अगबर"

 एक ये डर कि कोई ज़ख़्म न देखे मेरे
एक ये ख़्वाहिश कि कोई देखने वाला होता

©अगबर

एक ये डर कि कोई ज़ख़्म न देखे मेरे एक ये ख़्वाहिश कि कोई देखने वाला होता ©अगबर

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