न मालूम ज़िंदगी में चल क्या रहा है एक अजीब सी सतरं | हिंदी शायरी Video

"न मालूम ज़िंदगी में चल क्या रहा है एक अजीब सी सतरंज सजी है चारों तरफ़ कौन चाहता है ये बेमतलब के खेल खेलना सोचता कुछ और हुं हो कुछ और जाता हैं बुरा बन जाता हूं सही की कोशिश में लगता है सारे नक्क्षत्र ही पीछे पड़ गए है ©Vickram "

न मालूम ज़िंदगी में चल क्या रहा है एक अजीब सी सतरंज सजी है चारों तरफ़ कौन चाहता है ये बेमतलब के खेल खेलना सोचता कुछ और हुं हो कुछ और जाता हैं बुरा बन जाता हूं सही की कोशिश में लगता है सारे नक्क्षत्र ही पीछे पड़ गए है ©Vickram

#Chess खेल ज़िंदगी के

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