White परिस्थिति के अनुकूल ढलना पड़ता है।
सुकून छोड़ शोलों पर चलना पड़ता है।।
यहां ईर्ष्या में अपनों से लड़ना पड़ता है।
हर ताजे चीज को यहां सड़ना पड़ता है।।
एक दिन मौसम को भी बदलना पड़ता है।
पेड़ से पत्तों को पतझड़ में झड़ना पड़ता है।।
कली फूल को खिलकर बिखरना पड़ता है।
लाख जतन करें ,एक दिन मरना पड़ता है।।
©Dr Wasim Raja
परिस्थिति के अनुकूल ढलना पड़ता है