कैसे बया करू तुम्हे।
वो तुम्हारा धीरे से मुस्कुराना और मेरे पास आते ही अपनी नज़रो को जुकना
कैसे बया करू तुम्हे।
तुम्हरी उन चूड़ियों की खनक को और पायल की छनक को और मेरी आवाज सुनकर तुम्हारा दौडे चले आना और मेरे पास आते ही खुद को मुझसे दूर ले जाना
कैसे बया करू तुम्हे तुम्हारा ।
वो छोटी छोटी बातों पर रूठ जाना और मेरा तुम्हे मनना
कैसे बया करू तुम्हे तुम्हारा ।
वो मुझे गुस्से से नज़रे दिखाना और उन्ही नज़रो को मुझसे चुराना
कैसे बया करू तुम्हे।।
#कैसे बया करू तुम्हे#कविता