White बूंदों की आस....
आज फिर कोई आस लगाए
आसमा की तरफ सुबह से देखता रहा
की बारिश की बूंदों से
मेरी खेत की फसले फिर हरियाली
होके गीत गुनगुनाएंगी
बेबस फिर सुबह से शाम हो गई
आस की उम्मीद टूट गई
और वो बारिश की बुंदे
किसी का भरोसा तोड़ के
कही और बरस गई
©power of poetry
#cg_forest बूंदों की आस