"ख़्वाहिश आज समंदर के लहरों को छोड़ कर ,
साहिल के दरिया पर सुकून से सोने की ख्वाहिश है।
इस नाकामी से भरे ज़िन्दगी से ऊपर उठ कर,
एक नया मकाम हासिल करने का दिल में छोटा ख्वाहिश है।।"
ख़्वाहिश आज समंदर के लहरों को छोड़ कर ,
साहिल के दरिया पर सुकून से सोने की ख्वाहिश है।
इस नाकामी से भरे ज़िन्दगी से ऊपर उठ कर,
एक नया मकाम हासिल करने का दिल में छोटा ख्वाहिश है।।