योग का महत्व आज सातवाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है।

"योग का महत्व आज सातवाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। 'योग' शब्द संस्कृत के शब्द योग: से बना है। यूं तो योगसके कई अर्थ हैं लेकिन हम यहाँ जिस योग की बात कर रहे हैं उसका अर्थ व्यायाम से है। साधारण शब्दों में, योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम है। योग ही है जो न केवल आपको स्वास्थ्य देता है अपितु सत्य से भी परिचित कराता है। सत्य अर्थात तन, मन, और आध्यात्मिकता की वास्तविकता, सत्य अर्थात् ईश्वर को, इस ब्रह्मांड को समझना। सभी ऋषि-मुनि योग के आधार पर ही सत्य का पता करते थे। स्वस्थ एवं दीर्घायु रहते थे। योग एक विज्ञान है जो न केवल आपको स्वस्थ बनाता है अपितु आपके जीवन को आपकी सोच को संतुलित बनाता है। शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाता है। अंदरूनी सफाई करती है, न केवल शरीर की बल्कि मन व मस्तिष्क की भी। योग आपके शरीर से सभी दूषित व विषाक्त तत्वों को बाहर कर आपको निर्मलता, सौम्यता, वे तेज़ व ओज़ प्रदान करता है। योग के बल पर ही हमारे ऋषि व मुनियों ने इस ब्रह्मांड को समझा उसका विवरण हम तक पहुंचाया। जिस ब्रह्मांड को जानने के लिए नासा समेत सभी वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र बेहिसाब खर्च करके जो खोज करते हैं उनकी गणना योग के बल पर ही बहुत पहले हो चुकी थी। सच तो यही है कि हमारा मस्तिष्क ही ब्रह्मांड का प्रारूप है। कहते हैं योग के बल पर ही आप पूरा ब्रह्मांड घूम सकते हैं। बचपन में जब यह सब सुनती थी तो घोर आश्चर्य होता है कि क्या ऐसा भी होता है? बड़े होने पर सबकुछ धीरे-धीरे समझ आने लगा और विश्वास भी प्रगाढ़ होता गया। योग में बहुत शक्ति है और यह व्यक्ति को शक्ति प्रदान करता है। इसलिए आज से ही योग को अपनाएँ। 21 जून, 2021 सीमा शर्मा 'प्रहरी' ©Seema Sharma"

 योग का महत्व
 आज सातवाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। 'योग' शब्द संस्कृत के शब्द योग: से बना है। यूं तो योगसके कई अर्थ हैं लेकिन हम यहाँ जिस योग की बात कर रहे हैं उसका अर्थ व्यायाम से है। साधारण शब्दों में, योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम है। योग ही है जो न केवल आपको स्वास्थ्य देता है अपितु सत्य से भी परिचित कराता है। सत्य अर्थात तन, मन, और आध्यात्मिकता की वास्तविकता, सत्य अर्थात् ईश्वर को, इस ब्रह्मांड को समझना। सभी ऋषि-मुनि योग के आधार पर ही सत्य का पता करते थे। स्वस्थ एवं दीर्घायु रहते थे। योग एक विज्ञान है जो न केवल आपको स्वस्थ बनाता है अपितु आपके जीवन को आपकी सोच को संतुलित बनाता है। शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाता है। अंदरूनी सफाई करती है, न केवल शरीर की बल्कि मन व मस्तिष्क की भी। योग आपके शरीर से सभी दूषित व विषाक्त तत्वों को बाहर कर आपको निर्मलता, सौम्यता, वे तेज़ व ओज़ प्रदान करता है।
               योग के बल पर ही हमारे ऋषि व मुनियों ने इस ब्रह्मांड को समझा उसका विवरण हम तक पहुंचाया। जिस ब्रह्मांड को जानने के लिए नासा समेत सभी वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र बेहिसाब खर्च करके जो खोज करते हैं उनकी गणना योग के बल पर ही बहुत पहले हो चुकी थी। सच तो यही है कि हमारा मस्तिष्क ही ब्रह्मांड का प्रारूप है। कहते हैं योग के बल पर ही आप पूरा ब्रह्मांड घूम सकते हैं। बचपन में जब यह सब सुनती थी तो घोर आश्चर्य होता है कि क्या ऐसा भी होता है? बड़े होने पर सबकुछ धीरे-धीरे समझ आने लगा और विश्वास भी प्रगाढ़ होता गया। योग में बहुत शक्ति है और यह व्यक्ति को शक्ति प्रदान करता है। इसलिए आज से ही योग को अपनाएँ।
21 जून, 2021            सीमा शर्मा 'प्रहरी'

©Seema Sharma

योग का महत्व आज सातवाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। 'योग' शब्द संस्कृत के शब्द योग: से बना है। यूं तो योगसके कई अर्थ हैं लेकिन हम यहाँ जिस योग की बात कर रहे हैं उसका अर्थ व्यायाम से है। साधारण शब्दों में, योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम है। योग ही है जो न केवल आपको स्वास्थ्य देता है अपितु सत्य से भी परिचित कराता है। सत्य अर्थात तन, मन, और आध्यात्मिकता की वास्तविकता, सत्य अर्थात् ईश्वर को, इस ब्रह्मांड को समझना। सभी ऋषि-मुनि योग के आधार पर ही सत्य का पता करते थे। स्वस्थ एवं दीर्घायु रहते थे। योग एक विज्ञान है जो न केवल आपको स्वस्थ बनाता है अपितु आपके जीवन को आपकी सोच को संतुलित बनाता है। शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाता है। अंदरूनी सफाई करती है, न केवल शरीर की बल्कि मन व मस्तिष्क की भी। योग आपके शरीर से सभी दूषित व विषाक्त तत्वों को बाहर कर आपको निर्मलता, सौम्यता, वे तेज़ व ओज़ प्रदान करता है। योग के बल पर ही हमारे ऋषि व मुनियों ने इस ब्रह्मांड को समझा उसका विवरण हम तक पहुंचाया। जिस ब्रह्मांड को जानने के लिए नासा समेत सभी वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र बेहिसाब खर्च करके जो खोज करते हैं उनकी गणना योग के बल पर ही बहुत पहले हो चुकी थी। सच तो यही है कि हमारा मस्तिष्क ही ब्रह्मांड का प्रारूप है। कहते हैं योग के बल पर ही आप पूरा ब्रह्मांड घूम सकते हैं। बचपन में जब यह सब सुनती थी तो घोर आश्चर्य होता है कि क्या ऐसा भी होता है? बड़े होने पर सबकुछ धीरे-धीरे समझ आने लगा और विश्वास भी प्रगाढ़ होता गया। योग में बहुत शक्ति है और यह व्यक्ति को शक्ति प्रदान करता है। इसलिए आज से ही योग को अपनाएँ। 21 जून, 2021 सीमा शर्मा 'प्रहरी' ©Seema Sharma

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