मेहंदी,बराती,सेहरा वो दुल्हन,ये ख़्वाब मेरा इक ख्वा | हिंदी Shayari

"मेहंदी,बराती,सेहरा वो दुल्हन,ये ख़्वाब मेरा इक ख्वाब बनकर रह गया अब उन मुलाकातों का मै,कुछ अधूरा सा बवाल बनकर रह गया कि रह गईं "राज"सब अधूरी सी ख्वाहिशे मोहब्बत मे जिसका जवाब ना मिला,मै वो अधूरा सा सवाल बनकर रह गया ©Saurabh Raj Sauri"

 मेहंदी,बराती,सेहरा वो दुल्हन,ये ख़्वाब मेरा इक ख्वाब बनकर रह गया 
अब उन मुलाकातों का मै,कुछ अधूरा सा बवाल बनकर रह गया
कि रह गईं "राज"सब अधूरी सी ख्वाहिशे 
मोहब्बत मे जिसका जवाब ना मिला,मै वो अधूरा सा सवाल बनकर रह गया

©Saurabh Raj Sauri

मेहंदी,बराती,सेहरा वो दुल्हन,ये ख़्वाब मेरा इक ख्वाब बनकर रह गया अब उन मुलाकातों का मै,कुछ अधूरा सा बवाल बनकर रह गया कि रह गईं "राज"सब अधूरी सी ख्वाहिशे मोहब्बत मे जिसका जवाब ना मिला,मै वो अधूरा सा सवाल बनकर रह गया ©Saurabh Raj Sauri

सवाल बनकर रह गया ☺️

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