वक्त कभी बुरा तो कभी
भला होता है
मुश्किल हालातों का हमसफर
हौसला होता है
वो क्या पार हुआ
जो तूफानों में न उलझा
कश़्ती खेने का भी एक
पैंतरा होता है
फंस गये जो पांव
तो धंसते जाओगे...
इंतेहा वक्त का बड़ा
लिजलिजा होता है
चलाता रहता हैं ज़माना
तोहमतों के पत्थर
पाकिज़गी का यहां
यही सिला होता है
शह और मात अपने ही
कर्मों का फल है
वक्त की बिसात पर
हर शख़्स मोहरा होता है
किसी के चाहने से..
किसी का बुरा नहीं होता
होता वही है जो मंजूरे
ख़ुदा होता है
बिम्मी प्रसाद
मौलिक
©bimmi prasad
#Likho वक्त