महेश नवमी "की रुत है आई, अपने " भोलेनाथ" को प्रसन | हिं

""महेश नवमी "की रुत है आई, अपने " भोलेनाथ" को प्रसन्न करने ।। ये भक्तों की टोली है आई, नगर में बोल-बम वालों का हला मच गया।। न धन दौलत के भूखे है हम, न ऐशो आराम की लालसा हमें ; "महेश "जिनका नाम है, कैलाश पर्वत जो करते वास है।। नमन करते है हम "महेश" के चरणों में, कि हम "महेश्वरी के वंशज " होने का गर्व महसूस करते है।। हमारी रिती-रिवाज और परंपरा सबसे हटकर है, चाहे गणगौर हो, चाहे तीज हो।। संस्कृति और संस्कार हम न छोड़ेंगे, हर जन्म में "महेश्वरी के वंशज"हम कहलाना चाहेंगे।। जय महेश जय महेश्वरी ~सुरभि लड्डा जाजपुर रोड़ ©I_surbhiladha"

 "महेश नवमी "की रुत है आई,
अपने " भोलेनाथ" को प्रसन्न करने ।।
ये भक्तों की टोली है आई,
नगर में बोल-बम वालों का हला मच गया।।
न धन दौलत के भूखे है हम,
न ऐशो आराम की लालसा हमें ;
"महेश "जिनका नाम है,
कैलाश पर्वत जो करते वास है।।
नमन करते है हम "महेश" के  चरणों में,
कि हम "महेश्वरी के वंशज " होने का गर्व
 महसूस करते है।।
हमारी रिती-रिवाज और परंपरा सबसे 
हटकर है,
चाहे गणगौर हो, 
चाहे तीज हो।।
संस्कृति और संस्कार हम न छोड़ेंगे,
हर जन्म में "महेश्वरी के वंशज"हम 
कहलाना चाहेंगे।।

जय महेश 
जय महेश्वरी 

~सुरभि लड्डा 
जाजपुर रोड़

©I_surbhiladha

"महेश नवमी "की रुत है आई, अपने " भोलेनाथ" को प्रसन्न करने ।। ये भक्तों की टोली है आई, नगर में बोल-बम वालों का हला मच गया।। न धन दौलत के भूखे है हम, न ऐशो आराम की लालसा हमें ; "महेश "जिनका नाम है, कैलाश पर्वत जो करते वास है।। नमन करते है हम "महेश" के चरणों में, कि हम "महेश्वरी के वंशज " होने का गर्व महसूस करते है।। हमारी रिती-रिवाज और परंपरा सबसे हटकर है, चाहे गणगौर हो, चाहे तीज हो।। संस्कृति और संस्कार हम न छोड़ेंगे, हर जन्म में "महेश्वरी के वंशज"हम कहलाना चाहेंगे।। जय महेश जय महेश्वरी ~सुरभि लड्डा जाजपुर रोड़ ©I_surbhiladha

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