Beautiful Moon Night
शीर्षक -जय हो वीर...... विजय हो वीर.....
जय हो वीर,विजय हो वीर....
सत्य वचन की अजय हो वीर....
जयघोष में... विकराल स्वरूप हो वीर.....
जन मन की अदभुत देशप्रेमी हो वीर....
जय हो वीर ... विजय हो वीर.....
क्षिति जल नभ की तुम ही सबसे श्रेष्ठ पौरूष हो वीर....
साम दाम दण्ड भेद के तुम ही समर के जनक हो वीर...
राम हो ,कृष्ण हो, अर्जुन सह लक्ष्मण के स्वरूप हो
शांत चित्त मधुर मुस्कान तुम राम हो, सुदर्शन चक्र के जैसे अधीर हो वीर....
राधे कर्ण के समान तुम उदियाचल के सूर्य हो वीर
भू-तल से हिमशिखरों के राही के संरक्षक हो तुम
कौन तुझे कैसे जाने..? तुम ही तो देश रक्षक हो वीर
तब ही तो जन्म जन्मांतर के गाथाओं में, बेशुमार बेशकीमती दौलत हो वीर
शपथ-पथ पर ,कर्म पथ पर, अग्रसर हो तुम वीर
अग्रसर हो तुम ऐसे ही राजपथ पर भी वीर.....
सागर के लहरों से, हिमाद्रि शहरों से, याराना अनुबंध है
आंखों में विशेष उमंग लिये, घाटियों में भी सज्ज है...
जय हो वीर....... विजय हो वीर.........
©Dev Rishi
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